शांति और प्रार्थना सभा: बांग्लादेश के लिए इस्कॉन द्वारका में आयोजन

Peace and Prayer Assembly Organized at ISKCON Dwarka for Bangladesh

रविवार, 1 दिसंबर, को इस्कॉन द्वारका के श्री श्री रुक्मिणी द्वारकाधीश मंदिर में दोपहर 1:00 बजे से 3:00 बजे तक बांग्लादेश में शांति और सौहार्द को बढ़ावा देने के लिए शांति और प्रार्थना सभा का आयोजन किया जा रहा है।
यह उल्लेखनीय है कि 1970 के दशक में स्वामी प्रभुपाद द्वारा स्थापित अंतरराष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ (इस्कॉन) आज अपने 1,000 मंदिरों में वैश्विक शांति और प्रार्थना सभाओं का आयोजन कर रहा है।

इस्कॉन के कम्युनिकेशंस डायरेक्टर ब्रजेंद्रनंदन दास ने कहा, “हम भगवान चैतन्य महाप्रभु, श्री राधा पार्थसारथी, भगवान कृष्ण, सीता-राम, लक्ष्मण-हनुमानजी और भगवान नरसिंह से प्रार्थना करते हैं कि बांग्लादेश में कृष्ण भक्तों और अन्य हिंदू सनातन अनुयायियों पर हो रही हिंसा और उत्पीड़न का शीघ्र अंत हो। स्थायी सौहार्द और प्रेम की पुनः स्थापना हो, जिससे भक्त अपने प्रचार कार्यों को पुनः आरंभ कर सकें। खुशहाल जीवन हर किसी के लिए आवश्यक है, और हर किसी का अधिकार है कि वह शांति से जीवन व्यतीत करे। इसलिए, हम भगवान कृष्ण से प्रार्थना करते हैं कि वे बांग्लादेश में अशांति फैलाने वाले तत्वों को सद्बुद्धि प्रदान करें ताकि स्थायी शांति स्थापित हो सके। इसी उद्देश्य से इस्कॉन ने आज वैश्विक शांति और प्रार्थना सभा का आयोजन किया है।”

इस अवसर पर इस्कॉन द्वारका के अध्यक्ष प्रद्युम्न प्रिय दास ने कहा, “भय में जीना मानवता के खिलाफ सबसे बड़ा अपराध है। इसलिए, बांग्लादेश में शांति और सौहार्द बेहद महत्वपूर्ण है। भगवान कृष्ण सर्वशक्तिमान हैं और कुछ भी कर सकते हैं। उनके भक्त होने के नाते, हम श्री श्री रुक्मिणी द्वारकाधीश से प्रार्थना करते हैं कि वे हमारी प्रार्थनाओं को इतनी शक्ति प्रदान करें कि उनकी प्रभावशीलता हजारों मील दूर तक महसूस की जा सके। हमारे भक्त हरे कृष्ण महामंत्र संकीर्तन यज्ञ के माध्यम से इस दिशा में समर्पित प्रयास कर रहे हैं। इस शांति और सौहार्द अभियान को सफल बनाने के लिए भगवान कृष्ण का आशीर्वाद हमारे साथ है।”

इस्कॉन द्वारका के उपाध्यक्ष और शांति और प्रार्थना सभा के आयोजक श्री गौर दास ने कहा, “हम बांग्लादेश सरकार से भी आग्रह करते हैं कि देश में अशांति को समाप्त करने के लिए त्वरित कदम उठाए जाएं, ताकि नागरिकों का जीवन सामान्य हो सके। सच्चा सुख शांति, भाईचारे और प्रेम में है, और इस्कॉन हमेशा इन मूल्यों का प्रतीक रहा है।”

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