प्रयागराज: स्वामी सहजानंद सरस्वती ने किया दुनिया के सबसे बड़े महामृत्युंजय यंत्र का भूमि पूजन

प्रयागराज, 31 दिसंबर 2024: संगम विहार, सेक्टर 22, झूंसी, प्रयागराज में आज एक ऐतिहासिक अध्याय की शुरुआत हुई। दुनिया के सबसे बड़े महामृत्युंजय यंत्र का भूमि पूजन संपन्न हुआ। यह यंत्र महाकुंभ 2025 के दौरान आने वाले लगभग 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बनेगा।

भूमि पूजन कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सभापति मनवेन्द्र सिंह, सिद्ध महामृत्युंजय संस्थान के पीठाधीश्वर स्वामी सहजानंद सरस्वती, संस्थान की अध्यक्ष परम पूज्य सद्गुरु मां उषा जी, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी महाराज सहित कई गणमान्य हस्तियां शामिल हुईं। सैकड़ों श्रद्धालुओं ने इस भव्य आयोजन में भाग लिया।

महामृत्युंजय यंत्र: एक अद्भुत आध्यात्मिक रचना

यह यंत्र महामृत्युंजय मंत्र के 52 अक्षरों से प्रेरित 3D संरचना होगी, जिसकी लंबाई, चौड़ाई और ऊंचाई 52 फीट होगी। इस यंत्र का अभिषेक 1.5 लाख बार मंत्रोच्चारण के साथ 151 विद्वान पंडित करेंगे। इसका उद्देश्य सकारात्मक ऊर्जा का प्रसार और मानसिक, शारीरिक एवं आध्यात्मिक शांति प्रदान करना है।

परम पूज्य सद्गुरु मां उषा जी ने कहा, “यह यंत्र केवल एक आध्यात्मिक स्मारक नहीं, बल्कि दुनिया के लिए सकारात्मकता का प्रतीक है। यह कई वर्षों के शोध का परिणाम है और इसे आध्यात्मिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से डिजाइन किया गया है।”

स्वामी सहजानंद सरस्वती का दृष्टिकोण

स्वामी सहजानंद सरस्वती ने इस यंत्र की गहराई और उसके महत्व को समझाया। उन्होंने बताया कि यह यंत्र मानवता और ब्रह्मांड के बीच के संबंध को दर्शाता है। स्वामी जी ने कहा, “यह यंत्र केवल शारीरिक बीमारियों को ही नहीं, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक प्रदूषण को भी दूर करता है। इसकी एक झलक मात्र से मन को शांति और सकारात्मकता मिलती है।”

महाकुंभ 2025 में होगा विशेष आकर्षण

महाकुंभ 2025 के दौरान यह यंत्र रुद्राभिषेक और अतिरुद्र यज्ञ जैसे नियमित धार्मिक अनुष्ठानों का केंद्र बनेगा। श्रद्धालु यहां आकर आध्यात्मिक अनुभव का आनंद ले सकेंगे।

वैश्विक आध्यात्मिक पहल

यह यंत्र भविष्य में भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों और 132 देशों में स्थापित किया जाएगा। इसका उद्देश्य शांति, स्वास्थ्य और आध्यात्मिक चेतना का संदेश पूरे विश्व में फैलाना है।

एकता और सकारात्मकता का संदेश

कार्यक्रम के समापन पर सद्गुरु मां उषा जी ने सभी को धन्यवाद देते हुए कहा, “यह यंत्र भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। इसे दुनिया तक पहुंचाने में आप सभी की भूमिका महत्वपूर्ण है।”

महामृत्युंजय यंत्र से प्रयागराज एक वैश्विक आध्यात्मिक केंद्र बनेगा। इसका उद्घाटन करोड़ों लोगों के लिए उम्मीद और सकारात्मकता का संदेश लेकर आएगा।

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