अजमेर, 06 जनवरी 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती गरीब नवाज के 813वें उर्स के मौके पर 11वीं बार चादर (पवित्र भेंट) पेश की। अजमेर दरगाह कमेटी के पूर्व अध्यक्ष श्री अमीन पठान ने इस पहल की सराहना करते हुए इसे एकता और सद्भाव का मजबूत संदेश बताया।
श्री पठान ने कहा, “उर्स के लिए चादर भेजकर प्रधानमंत्री मोदी ने देश की गंगा-जमुनी तहज़ीब और विविधता में एकता की खूबसूरती को पुनः स्थापित किया है। यह कदम भारत की सभी धर्मों के प्रति सम्मान और सांप्रदायिक सद्भाव की परंपरा का प्रतीक है।”
श्री पठान के अनुसार, प्रधानमंत्री द्वारा भेजी गई चादर 1.4 अरब भारतीय नागरिकों के लिए एक उपहार का प्रतीक है, जो भारत की पहचान को सूफी संतों की भूमि के रूप में दर्शाती है। उन्होंने कहा, “हमारे सूफी संतों ने हमेशा शांति, प्रेम और एकता का संदेश दिया है। कुछ तंगदिमागी समूह भ्रामक बयान देकर नफरत फैलाने की कोशिश करते हैं, लेकिन वे कभी सफल नहीं होंगे। भारत की जनता हमेशा एकजुट रही है।”
ख्वाजा गरीब नवाज की सार्वभौमिक अपील पर प्रकाश डालते हुए श्री पठान ने कहा, “ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती गरीब नवाज ने भारत की धरती से पूरी दुनिया को शांति और सद्भाव का संदेश दिया है। अजमेर की दरगाह हर धर्म के लोगों को आकर्षित करती है, जो श्रद्धा और प्रार्थना के साथ यहां आते हैं। यह ऐसा स्थान है, जहां किसी का अपमान नहीं होता और हर आगंतुक, चाहे वह किसी भी धर्म या समुदाय का हो, आध्यात्मिक तृप्ति महसूस करता है।”
ख्वाजा गरीब नवाज का उर्स पूरे भारत में सभी धर्मों के लोगों द्वारा बड़े धूमधाम से मनाया जाता है और यह विविधता में एकता का प्रतीक है। श्री पठान ने दरगाह को भारत की आपसी सम्मान और सांप्रदायिक सद्भाव की भावना का प्रकाशस्तंभ बताया।