आयुष चिकित्सा पद्धति के तहत इलाज के लिए भारत आने वाले विदेशियों को मिलेगा आयुष वीज़ा नई दिल्ली:

भारत सरकार ने आयुष चिकित्सा पद्धति के तहत इलाज कराने के लिए भारत आने वाले विदेशी नागरिकों के लिए एक विशेष वीज़ा श्रेणी “आयुष वीज़ा” शुरू की है। यह वीज़ा आयुष उपचार और वेलनेस सेवाओं के लिए भारत में अंतरराष्ट्रीय मरीजों को आकर्षित करने का एक महत्वपूर्ण कदम है।

आयुष वीज़ा की श्रेणियां

आयुष वीज़ा चार उप-श्रेणियों में उपलब्ध है:

  1. आयुष वीज़ा (AY-1)
  2. आयुष परिचारक वीज़ा (AY-2)
  3. ई-आयुष वीज़ा
  4. ई-आयुष परिचारक वीज़ा

यह वीज़ा उन विदेशी नागरिकों को दिया जाता है जो भारत में आयुष प्रणाली (आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्ध, और होम्योपैथी) के तहत इलाज या वेलनेस सेवाएं प्राप्त करना चाहते हैं। यह सेवाएं राष्ट्रीय अस्पताल एवं स्वास्थ्य सेवा प्रदाता प्रत्यायन बोर्ड (NABH) और अन्य संबंधित सरकारी प्राधिकरणों द्वारा मान्यता प्राप्त अस्पतालों और वेलनेस सेंटर्स में उपलब्ध हैं।

मेडिकल वैल्यू ट्रैवल (MVT) के लिए ‘वन-स्टॉप’ पोर्टल

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने मेडिकल वैल्यू ट्रैवल (MVT) के लिए भारत का एक आधिकारिक पोर्टल लॉन्च किया है, जिसे “एडवांटेज हेल्थकेयर इंडिया पोर्टल” कहा जाता है।

  • यह पोर्टल भारत में चिकित्सा उपचार लेने के इच्छुक अंतरराष्ट्रीय मरीजों के लिए सूचना और सहायता प्रदान करता है।
  • मरीज पोर्टल पर www.healinindia.gov.in पर लॉग इन कर सकते हैं।

आयुष वीज़ा की प्रगति

  • 04 दिसंबर 2024 तक, कुल 123 नियमित आयुष वीज़ा, 221 ई-आयुष वीज़ा, और 17 ई-आयुष परिचारक वीज़ा जारी किए जा चुके हैं।

आयुष मेडिकल वैल्यू ट्रैवल समिट 2024

भारत सरकार ने 30 सितंबर 2024 को मुंबई में आयुष मेडिकल वैल्यू ट्रैवल समिट का आयोजन किया।

  • इस सम्मेलन का विषय था “आयुष में वैश्विक तालमेल: मेडिकल वैल्यू ट्रैवल के माध्यम से स्वास्थ्य और कल्याण में बदलाव।”
  • इसका उद्देश्य पारंपरिक भारतीय चिकित्सा को आधुनिक स्वास्थ्य प्रणालियों के साथ जोड़कर मेडिकल वैल्यू ट्रैवल में भारत की स्थिति को सुदृढ़ करना था।

केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रतापराव जाधव ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर के माध्यम से यह जानकारी साझा की।

भारत सरकार का यह कदम आयुष चिकित्सा पद्धति को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने और भारत को चिकित्सा पर्यटन का प्रमुख केंद्र बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देगा।

(Photo: Freepik)

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