डंडी के वैज्ञानिकों द्वारा नई वैश्विक पार्किंसंस रोग पहल का नेतृत्व

LRRK2 इन्वेस्टिगेटिव थेराप्यूटिक्स एक्सचेंज (LITE) नई उपचार विधियों का समर्थन करेगा, जो LRRK2 पर केंद्रित होंगी, जो वंशानुगत पार्किंसंस रोग का सबसे सामान्य कारण है

डंडी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डारियो अलेसी और उनकी सहयोगी डॉ. एस्थर सैमलर की अगुवाई में एक नई वैश्विक पहल शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य पार्किंसंस रोग के विरुद्ध नए उपचारों का विकास करना है। इस पहल को “LRRK2 इन्वेस्टिगेटिव थेराप्यूटिक्स एक्सचेंज (LITE)” कहा जा रहा है, जिसे द माइकल जे. फॉक्स फाउंडेशन (MJFF) द्वारा शुरू किया गया है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बुनियादी विज्ञान की खोजों को उद्योग द्वारा संचालित दवा विकास में बदलना है।

LRRK2: वंशानुगत पार्किंसंस रोग का प्रमुख कारण

LRRK2 एक जीन है, जो एक प्रोटीन बनाता है जो हमारी कोशिकाओं के विभिन्न कार्यों को नियंत्रित करता है, जैसे कि संचार और कचरे को साफ करना। LRRK2 जीन में उत्परिवर्तन पहली बार 20 साल पहले पार्किंसंस रोग से जुड़े थे, और अब इसे वंशानुगत पार्किंसंस रोग के सबसे सामान्य कारण के रूप में जाना जाता है। यह उत्परिवर्तन LRRK2 को अधिक सक्रिय कर देता है, जिससे कोशिकाओं में दोष उत्पन्न होते हैं और रोग शुरू हो जाता है। शोधकर्ता इस जीन की अत्यधिक सक्रियता को कम करने के तरीके तलाश रहे हैं, जो उन चार प्रतिशत लोगों की मदद कर सकते हैं, जिनमें LRRK2 उत्परिवर्तन पाया जाता है। इसके अलावा, शोध से यह भी पता चलता है कि LRRK2-आधारित उपचार उन लोगों के लिए भी फायदेमंद हो सकते हैं जिनमें ये उत्परिवर्तन नहीं पाए जाते।

प्रोफेसर डारियो अलेसी की नेतृत्वकारी भूमिका

प्रोफेसर डारियो अलेसी, जो काइनेज़ नामक प्रोटीनों के अध्ययन में एक वैश्विक नेता हैं, इस पहल का नेतृत्व कर रहे हैं। वे डंडी विश्वविद्यालय में एक प्रयोगशाला चलाते हैं और वहां के स्कूल ऑफ लाइफ साइंसेज में सिग्नल ट्रांसडक्शन थेरपी डिवीजन के निदेशक हैं। प्रोफेसर अलेसी ने पार्किंसंस रोग के शोध में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और उन्हें 2023 में “रॉबर्ट ए. प्रिट्ज़कर प्राइज फॉर लीडरशिप इन पार्किंसंस रिसर्च” से सम्मानित किया गया था।

डॉ. एस्थर सैमलर की भूमिका

डॉ. एस्थर सैमलर, जो डंडी विश्वविद्यालय में एक न्यूरोलॉजिस्ट हैं और LRRK2 पर भी विशेषज्ञता रखती हैं, इस कार्यक्रम की सह-प्रमुख अन्वेषक होंगी। उनका ध्यान LRRK2-लक्षित उपचारों के परीक्षण के लिए महत्वपूर्ण बायोमार्कर की पहचान करने पर होगा। डॉ. पॉल डेविस और डॉ. फ्रांसेस्का टोनेली भी इस कार्यक्रम के नेतृत्व में शामिल होंगे, और वे कई शैक्षणिक और औद्योगिक सहयोगियों के साथ काम करेंगे।

LITE का उद्देश्य

यह कार्यक्रम नए उपचारात्मक दृष्टिकोणों का समर्थन करेगा और LRRK2-विशिष्ट बायोमार्कर की पहचान करेगा, जो संभावित उपचारों के प्रभाव का मापन कर सकें। इस पहल से उद्योग निवेश में जोखिम को कम करते हुए दवा विकास को तेजी से और अधिक सूचित तरीके से आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।

द माइकल जे. फॉक्स फाउंडेशन के बारे में

द माइकल जे. फॉक्स फाउंडेशन दुनिया की सबसे बड़ी गैर-लाभकारी संस्था है, जो पार्किंसंस रोग के शोध के लिए धन प्रदान करती है। इसका उद्देश्य पार्किंसंस के इलाज को तेजी से विकसित करना और वर्तमान में इसके साथ जी रहे लोगों के लिए बेहतर उपचार ढूंढना है।

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