सूरत: दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (SGCCI) द्वारा रविवार, 20 अक्टूबर 2024 को नानपुरा, सूरत स्थित समृद्धि बिल्डिंग में ‘आधुनिक समय में पेरेंटिंग में आने वाली चुनौतियाँ’ विषय पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया। इस सेमिनार में चाइल्ड पेडियाट्रिशियन और निर्मल ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के चेयरमैन डॉ. निर्मल चोरारिया ने उपस्थित लोगों को बच्चों की देखभाल में माता-पिता की भूमिका पर विस्तार से चर्चा की।
चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष विजय मेवावाला ने स्वागत भाषण में कहा, “आज के दौर में माता-पिता के लिए सबसे बड़ी चिंता यह है कि बच्चे मोबाइल फोन, सोशल मीडिया, टीवी, वीडियो गेम्स और अन्य डिवाइस के स्क्रीन पर प्रतिदिन लगभग सात घंटे बिताते हैं। एक अध्ययन के अनुसार, 53% बच्चे 11 साल की उम्र तक स्मार्टफोन का उपयोग करने लगते हैं, जिससे उनका मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है।”
उन्होंने आगे कहा, “आज के समय में शैक्षणिक प्रदर्शन बच्चों और उनके माता-पिता दोनों के लिए तनाव का प्रमुख कारण बन गया है। शिक्षा और करियर में बढ़ती प्रतिस्पर्धा ने पेरेंटिंग को चुनौतीपूर्ण बना दिया है, लेकिन यह बच्चों को सही दिशा में आगे बढ़ाने का अवसर भी प्रदान करता है।”
डॉ. निर्मल चोरारिया ने बच्चों के मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर जोर देते हुए कहा, “पिछले 10-15 वर्षों में शारीरिक रोगों में कमी आई है, लेकिन बच्चों की मानसिक और भावनात्मक स्थिति में गिरावट आई है। माता-पिता को बच्चों के साथ अधिक समय बिताना चाहिए, उनसे दोस्ती करनी चाहिए, और उनके मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखना चाहिए। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की रिपोर्ट के अनुसार, हर 5 में से 1 बच्चा मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहा है।”
उन्होंने बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर होने वाले प्रमुख प्रभावों जैसे चिंता, डिप्रेशन, साइबर बुलिंग, और आत्म-सम्मान में कमी की चर्चा की। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि स्कूलों में काउंसलिंग सेशन की व्यवस्था की जानी चाहिए ताकि बच्चों को सही मार्गदर्शन मिल सके। कोविड-19 के बाद पेरेंटिंग की चुनौतियाँ और अधिक बढ़ गई हैं।
कार्यक्रम में चैंबर के उपाध्यक्ष निखिल मद्रासी ने वक्ताओं का परिचय कराया और कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। कार्यक्रम का संचालन चैंबर की पब्लिक हेल्थ कमिटी के सदस्य निखिल वघासिया ने किया। अंत में, सभी प्रश्नों के संतोषजनक उत्तर दिए गए और महेश पमनानी ने आभार व्यक्त करते हुए सेमिनार का समापन किया।