महाकुंभ 2025 में एक अलग और प्रेरणादायक शख्सियत ने सबका ध्यान खींचा है, जिन्हें लोग Businessman Baba के नाम से जानते हैं। उनका असली नाम राधेश्याम है और अब वे Paramguru के रूप में जाने जाते हैं। यह कहानी हमें यह सिखाती है कि असली सुख केवल धन में नहीं, बल्कि आंतरिक शांति और आध्यात्मिक विकास में है।
Businessman Baba का व्यापारिक जीवन
राधेश्याम जी पहले फ्यूचर मेकर कंपनी के चेयरमैन थे। इस कंपनी ने बहुत कम समय में ही 3000 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति बना ली। इस दौरान राधेश्याम जी ने बहुत सारी सफलता हासिल की और लाखों लोगों को रोजगार दिया।
लेकिन जैसे-जैसे वे ज्यादा संपत्ति कमाते गए, उन्हें एहसास हुआ कि धन से खुशी नहीं मिलती। असली सुख और शांति जीवन के अंदर से आती है। यही वह समय था जब Businessman Baba के जीवन में बदलाव आया।
Paramguru बनने की यात्रा
राधेश्याम जी को अपने व्यवसायिक जीवन में कुछ मुश्किलों का सामना करना पड़ा। इससे उन्होंने आत्म-चिंतन किया और महसूस किया कि केवल धन और प्रसिद्धि से जीवन में संतोष नहीं मिलता। इसके बाद उन्होंने भगवद गीता का अध्ययन करना शुरू किया, और गीता के संदेशों ने उनके जीवन को पूरी तरह बदल दिया। गीता ने उन्हें यह सिखाया कि असली सुख आध्यात्मिक शांति में है, न कि भौतिक चीजों में।
राधेश्याम जी ने ध्यान और योग का अभ्यास शुरू किया, जिससे उनके जीवन में शांति आई और उन्होंने यह तय किया कि वे अब सांसारिक मोह-माया से दूर हो जाएंगे। वे अब अपना जीवन ईश्वर की सेवा में समर्पित करेंगे।
‘परमधाम’ संस्था की स्थापना
2022 में राधेश्याम जी ने एक आध्यात्मिक संस्था ‘परमधाम’ की शुरुआत की। उनका उद्देश्य था लोगों को आध्यात्मिक ज्ञान और योग सिखाना। Paramguru के रूप में, राधेश्याम जी का मानना था कि असली सुख केवल धन में नहीं, बल्कि आध्यात्मिक शांति और मानव सेवा में है।
‘परमधाम’ संस्था के जरिए वे लोगों को यह समझाते हैं कि जीवन का असली उद्देश्य आध्यात्मिक प्रगति और दूसरों की मदद करना है।
महाकुंभ 2025 में Businessman Baba का संदेश
महाकुंभ 2025 में Businessman Baba ने श्रद्धालुओं को अपने जीवन के अनुभवों से यह सिखाया कि सच्ची सफलता केवल बाहरी चीजों में नहीं, बल्कि आध्यात्मिक उन्नति में है। उन्होंने यह बताया कि व्यापार और धर्म को एक साथ जोड़ा जा सकता है, ताकि समाज में बदलाव लाया जा सके।
उन्होंने महाकुंभ में ध्यान शिविर और फ्री भंडारे आयोजित किए, ताकि लोग योग और ध्यान सीख सकें। उनके प्रवचनों में यह संदेश था कि व्यापार वही है जो समाज में सकारात्मक बदलाव लाए और लोगों के जीवन को बेहतर बनाए।
Paramguru का जीवन दर्शन
Businessman Baba और Paramguru का जीवन यह सिखाता है कि हमें केवल धन और नाम के पीछे नहीं भागना चाहिए। असली खुशी और संतोष हमें आध्यात्मिक शांति और दूसरों की सेवा से मिलते हैं। राधेश्याम जी ने यह साबित किया कि धन और प्रसिद्धि से ज्यादा महत्वपूर्ण है आध्यात्मिक संतुलन।
आज, Businessman Baba और Paramguru के जीवन से लाखों लोग प्रेरित हो रहे हैं। उनका जीवन यह सिखाता है कि अगर हम योग, ध्यान और सेवा को अपने जीवन में शामिल करें, तो हम सच्ची शांति और सुख पा सकते हैं।
Businessman Baba और Paramguru की यात्रा हमें यह सिखाती है कि जीवन में असली सफलता केवल धन और संपत्ति में नहीं, बल्कि आध्यात्मिक उन्नति और दूसरों की सेवा में है। राधेश्याम जी ने दिखाया कि भौतिक चीजों के अलावा, मानसिक शांति और संतुष्टि सबसे महत्वपूर्ण है।
उनकी कहानी हमें यह समझाती है कि जब हम धर्म और व्यापार को सही तरीके से जोड़ते हैं, तो हम समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। Businessman Baba का जीवन हमें यह बताता है कि आध्यात्मिकता और व्यापार को संतुलित तरीके से जीने से हम अपने जीवन को और भी बेहतर बना सकते हैं।