महिलाओं में बचत की परिभाषा बदल रही हैं

महिलाएं म्यूचुअल फंड, स्टॉक्स और SIPs मे कर रही हैं स्मार्ट निवेश।

– लेख द्वारा मिस्बाह बक्सामुसा, सीईओ, NJ Wealth

वक़्त बदल चुका है, अब महिलाएं सिर्फ़ आपातकाल के लिए गुल्लक नहीं भर रहीं,  बल्कि भविष्य की तरक्की के लिए निवेश कर रही हैं। म्यूचुअल फंड्स की दुनिया में कदम रख, निवेश के ज़रिए वे बना रही हैं एक मज़बूत भविष्य। निवेश के क्षेत्र में महिलाओं की सक्रियता बढ़ रही है। AMFI की रिपोर्ट बताती है कि आज देशभर में हर चौथे निवेशक के रूप में महिला निवेश का हिस्सा बन चुकी हैं (25.1%), और कुल व्यक्तिगत निवेश में उनकी भागीदारी एक तिहाई (AUM में 33.2%) से भी ज़्यादा है। PhonePe Wealth की रिपोर्ट यह दिखाती है कि महिलाएं अब सिर्फ़ निवेश कर नहीं रहीं, बल्कि लीड भी कर रही हैं। SIP लेन-देन में उनका योगदान 22% अधिक है, जबकि एकमुश्त निवेश में यह बढ़त 45% तक पहुंच गई है। (Source – AMFI, CNBC).

ये आंकड़े बताते हैं कि महिलाओं की सोच अब बदल रही है। अब महिलाएं सिर्फ़ मुश्किल वक्त के लिए नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता, आर्थिक आज़ादी और विकास के लिए निवेश कर रही हैं। लंबे समय के निवेश में महिलाएं पुरुषों से आगे हैं, AMFI के आंकड़े इसकी पुष्टि करते हैं। यह बदलाव सराहनीय है, लेकिन यह तो सिर्फ़ शुरुआत है। अभी इस दिशा में और जागरूकता और प्रोत्साहन की ज़रूरत है। आंकड़े दर्शाते हैँ कि महिलाएं वित्तीय जागरूकता की दिशा में धीरे-धीरे आगे बढ़ रही हैँ, हालांकि, आज भी कई महिलाएं अपने आर्थिक फैसलों के लिए परिवार या जीवनसाथी पर निर्भर हैं। ऐसे में म्यूचुअल फंड में SIP और लंपसम के ज़रिए निवेश उनके लिए आत्मनिर्भर बनने का एक शानदार रास्ता हो सकता है — जानिए क्यों।

धैर्य:-

दीर्घकालिक निवेश में सफलता का सबसे बड़ा मंत्र है ‘धैर्य’, और यह गुण महिलाओं में अधिक पाया गया है। Dittrich और Leipold की एक स्टडी के अनुसार, महिलाएं पुरुषों की तुलना में अधिक धैर्यशील होती हैं। यही बात AMFI की रिपोर्ट भी दर्शाती है, जहां 21.3% महिला निवेशक लंबे समय तक अपने निवेश में बनी रहती हैं, जबकि पुरुषों में यह आंकड़ा 19.9% है। यही संयम और स्थिरता उन्हें आर्थिक रूप से और मजबूत बनाते हैं।

जरुरत के आधार पर वित्तीय योजना:-

घरेलू जिम्मेदारियों के अनुभव ने महिलाओं को एक परिपक्व निवेश दृष्टिकोण दिया है। वे अपने वित्तीय फैसलों को परिवार की आवश्यकताओं के अनुसार ढालती हैं। महिलाएं निवेश को केवल मुनाफे का जरिया नहीं, बल्कि परिवार की ज़रूरतों से जोड़कर देखती हैं। चाहे बच्चों की शिक्षा हो या भविष्य के लिए सुरक्षित फंड तैयार करना — उनका हर निवेश एक स्पष्ट उद्देश्य के साथ जुड़ा होता है, जो उन्हें अनावश्यक जोखिम से दूर रखता है।

अनुशासन:-

निवेश में महिलाओं की सबसे बड़ी ताकत है अनुशासन। निवेश को लेकर महिलाएं आमतौर पर अधिक अनुशासित रुख अपनाती हैं। जहां पुरुषों का रुझान ट्रेडिंग और जोखिम वाले विकल्पों की ओर होता है, वहीं महिलाएं SIP जैसे स्थिर और लंबी अवधि के विकल्पों को प्राथमिकता देती हैं। बाजार उतार-चढ़ाव में भी वे अपनी योजना पर टिके रहना बेहतर समझती हैं, जिससे भावनात्मक फैसलों से बचा जा सकता है और वित्तीय स्थिरता हासिल होती है।

जब महिलाएं निवेश की धारा में आगे बढ़ रही हैं, तो म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में भी क्रांतिकारी बदलाव की संभावना तेज़ हो गई है। देश की 146 करोड़ से अधिक आबादी में से सिर्फ़ 5.42 करोड़ लोग ही निवेशक हैं, यह आंकड़ा बताता है कि म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में अब भी अपार संभावनाएं छिपी हैं (Source – AMFI & Worldometer)। म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री अभी भी अपने शुरुआती दौर में है, जहां न केवल निवेश की मात्रा, बल्कि निवेशकों की विविधता, सोच और मकसद के लिहाज़ से भी अपार संभावनाएं मौजूद हैं। निवेश के क्षेत्र में महिलाएं एक ऐसा दृष्टिकोण लेकर आती हैं जो सोच-समझकर लिए गए, धैर्यपूर्ण और अनुशासित फैसलों पर आधारित होता है। जैसे-जैसे समाज में सोच बदल रही है और वित्तीय शिक्षा का दायरा बढ़ रहा है, यह तय है कि म्यूचुअल फंड सेक्टर में अगली लहर महिलाओं की होगी, चाहे वे शहरों में हों या गांवों में।


Disclaimer: Mutual Fund investments बाजार जोखिमों के अधीन हैं। सभी स्कीम संबंधित दस्तावेज ध्यानपूर्वक पढ़ें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *