टैलेंट स्किल्सवर्सिटी, स्किल्स और एजुकेशन के क्षेत्र में अग्रणी कंपनी, ने आज अपने ग्रेजुएट प्रोग्राम इन फाइनेंशियल मार्केट्स (GPFM) की शुरुआत की घोषणा की। यह प्रोग्राम स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है। इसका उद्देश्य छात्रों को कॉलेज की पढ़ाई के साथ-साथ जॉब-रेडी बनाना है, ताकि वे विश्वविद्यालय से स्नातक होते ही नौकरी के लिए तैयार हों।
यह ग्रेजुएट प्रोग्राम मॉड्यूलर और लचीला है, जो छात्रों को फाइनेंशियल मार्केट इंडस्ट्री में इक्विटी रिसर्च एनालिस्ट, पोर्टफोलियो मैनेजर, डेरिवेटिव्स ट्रेडर, फिनटेक स्पेशलिस्ट, और बॉन्ड ट्रेडर जैसे जॉब रोल्स के लिए तैयार करता है। इस कोर्स में SEBI के एजुकेशन इनिशिएटिव NISM से रेग्युलेटरी सर्टिफिकेशन भी शामिल है, जिससे छात्र दिन-प्रतिदिन की जॉब के लिए तैयार रहते हैं। यह प्रोग्राम उनकी शैक्षणिक डिग्री के साथ टॉप-अप के रूप में काम करता है और करियर की शुरुआत से ही उन्हें मजबूत बनाता है।
इस कोर्स के अंतर्गत इंडियन फाइनेंशियल मार्केट्स, डेरिवेटिव्स, बैंकिंग, फिनटेक, कानून, फॉरेन एक्सचेंज मार्केट्स, कमोडिटीज, फ्यूचर्स और ऑप्शंस, और फाइनेंस में एआई एप्लिकेशन्स जैसे विषय शामिल हैं। अनुभवी मार्केट प्रैक्टिशनर्स के जरिए पढ़ाया जाने वाला यह कोर्स थ्योरी और प्रैक्टिकल लर्निंग का बेहतरीन संतुलन प्रदान करता है।
भारतीय कैपिटल मार्केट्स और फाइनेंशियल सर्विसेज इंडस्ट्री में नौकरी के अवसरों को तलाशते वक्त तकनीकी विशेषज्ञता, जैसे फाइनेंशियल मॉडलिंग, डेटा एनालिसिस, और मार्केट फोरकास्टिंग जैसी स्किल्स को प्रमुखता दी जाती है। NISM सर्टिफिकेशन और SEBI रेगुलेशन्स की जानकारी, खासकर कंप्लायंस भूमिकाओं में अनिवार्य होती है, ताकि कर्मचारी जोखिम प्रबंधन को प्रभावी ढंग से संभाल सकें। इसके साथ ही, इस क्षेत्र में डिजिटल टूल्स और ऑटोमेशन की जानकारी रखने वाले उम्मीदवार भी खास तौर पर वांछनीय होते हैं। टैलेंट स्किल्सवर्सिटी (www.Talentskillsvarsity.com) मार्केट रेगुलेटर्स, इंडस्ट्री मेम्बर्स, ब्रोकर्स, और बैंकरों के साथ मिलकर एडवांस्ड जॉब-लिंक्ड कोर्सेस डिजाइन करता है।
इस अवसर पर टैलेंट स्किल्सवर्सिटी के सीईओ अंबरिश दत्ता ने कहा, “फाइनेंशियल मैनेजर्स अकेले काम नहीं करते; उनके निर्णय एक जटिल वित्तीय इकोसिस्टम से प्रभावित होते हैं, जिसमें मार्केट्स, संस्थान, रेग्युलेटरी फ्रेमवर्क, टैक्स पॉलिसीज़ और भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति शामिल है। इसलिए फाइनेंशियल मैनेजर्स के लिए यह जरूरी है कि वे जिस क्षेत्र में काम कर रहे हैं, उसे समझें। इसी गैप को भरने के लिए हमारा ग्रेजुएट प्रोग्राम इन फाइनेंशियल मार्केट्स तैयार किया गया है। अनुभवी इंडस्ट्री प्रोफेशनल्स द्वारा डिज़ाइन किया गया यह प्रोग्राम अकादमिक ज्ञान और वास्तविक अनुभव के बीच की खाई को पाटता है।”
भारतीय BFSI इंडस्ट्री तेजी से बढ़ रही है और आने वाले वर्षों में 1 करोड़ से अधिक नई नौकरियां पैदा करने की उम्मीद है। भारतीय फिनटेक इंडस्ट्री का बाज़ार आकार 2022 में $584 बिलियन था, और 2025 तक इसके ~$1.5 ट्रिलियन तक पहुँचने का अनुमान है।