“कठोर परिश्रम का कोई विकल्प नहीं है; केवल परिश्रम रूपी पारसमणि के स्पर्श से ही हम सुखी हो सकते हैं,” श्रम एवं कौशल विकास राज्य मंत्री कंवरजीभाई हलपति ने कहा। उन्होंने शिक्षा में स्किलिंग, अपस्किलिंग और री-स्किलिंग की प्रक्रियाओं के महत्व पर जोर दिया, जो युवाओं में कौशल बढ़ाने, निरंतर सीखने और नए कौशल विकसित करने की प्रेरणा देते हैं।
३२६ प्रशिक्षुओं को डिग्री और प्रमाण पत्र का वितरण
सूरत: मांडवी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) में श्रम और कौशल विकास राज्य मंत्री कंवरजीभाई हलपति की अध्यक्षता में तथा सांसद प्रभुभाई वसावा की प्रेरक उपस्थिति में कौशल दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। विभिन्न ट्रेडों में ३२६ प्रशिक्षुओं को डिग्री और प्रमाण पत्र प्रदान किए गए और उन्हें उद्यमशीलता और कौशल के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
भविष्य की संभावनाओं के लिए कौशल विकास को बढ़ावा
मंत्री हलपति ने स्नातकों को बधाई देते हुए कहा कि कौशल विकास के साथ-साथ सॉफ्ट स्किल्स भी उतनी ही आवश्यक हैं। उन्होंने बताया कि आईटीआई संस्थानों में अब कौशल विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जो युवाओं को अपने कौशल को निरंतर उन्नत करने की शिक्षा देता है। उन्होंने यह भी कहा कि २१वीं सदी को भारत की सदी माना जा रहा है, जिसका मुख्य कारण भारत की युवा जनसंख्या है। सरकार के विभिन्न युवा कल्याण कदमों से युवाओं के लिए रोजगार और स्व-रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
विभिन्न ट्रेडों में प्रमाण पत्र का वितरण
फिटर, इलेक्ट्रीशियन, वायरमैन, वेल्डर, मैकेनिक डीजल इंजन, सीओपीए, सिलाई तकनीक, बेसिक कॉस्मेटोलॉजी, और स्वास्थ्य सैनिटरी इंस्पेक्टर जैसे ट्रेडों में प्रशिक्षुओं को प्रमाण पत्र दिए गए। आईटीआई ने प्रशिक्षुओं को भविष्य में उद्यमशीलता, अप्रेंटिस योजना और रोजगार के अवसरों के लिए आवश्यक मार्गदर्शन दिया।
गणमान्य व्यक्तियों और प्रशिक्षकों की उपस्थिति
इस अवसर पर प्रधानाचार्य बी.एस. गामित, फोरमैन प्रशिक्षक श्री के.के. चौधरी, एस.बी. चौधरी, वाई.जी. गामित, ए.एल. चौधरी और कई अन्य सुपरवाइजर प्रशिक्षकों एवं प्रशिक्षुओं की उपस्थिति रही।