राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई “नमो लक्ष्मी योजना” को मिला व्यापक स्वागत

“नमो लक्ष्मी योजना” का उद्देश्य: माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा 9 से 12 में पढ़ रही कन्याओं को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करना।

“नमो लक्ष्मी योजना” ने राज्य में बेटियों के शिक्षा को एक नई दिशा दी है, जिसका लाभ गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों को मिल रहा है। इस योजना के तहत, कक्षा 9 से 12 में पढ़ने वाली कन्याओं को कुल ₹50,000 की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।

लाभार्थी निकिता पटेल की कहानी: 17 वर्षीय निकिता कांतीभाई पटेल, जो सूरत के जहांगीराबाद स्थित “द रेडियंट इंटरनेशनल स्कूल” में कक्षा 11 में पढ़ रही हैं, ने बताया कि “आज के आधुनिक युग में हर बेटी उच्च शिक्षा प्राप्त कर आगे बढ़ने का सपना देखती है। मैं भी उच्च शिक्षा के साथ-साथ खेलों में आगे बढ़ने की इच्छा रखती हूँ।”

निकिता कहती हैं कि उनके पिता की एक छोटी सी किराने की दुकान है, और सभी भाई-बहनों के लिए उच्च शिक्षा प्राप्त करना कोई आसान काम नहीं है। लेकिन “नमो लक्ष्मी योजना” हमारे लिए आशीर्वाद बनकर आई है। इस योजना की खासियत यह है कि कन्या वर्तमान में कक्षा 11 में पढ़ाई कर रही है, फिर भी उसे कक्षा 9 और 10 की सहायता भी मिलेगी। इस प्रकार, कुल ₹50,000 की आर्थिक सहायता से हमें काफी मदद मिली है।

निकिता ने आगे कहा, “मेरे उच्च शिक्षा के सपने को साकार करने के साथ-साथ परिवार का आर्थिक बोझ भी बहुत कम हुआ है। हमारे जैसे आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के लिए ₹50,000 की सहायता बहुत बड़ी राशि है।”

वे बताती हैं कि कई बेटियां जो आगे पढ़ाई करना चाहती हैं, लेकिन परिवार की आर्थिक तंगी के कारण अक्सर अपने उच्च शिक्षा के इच्छाओं को पूरा नहीं कर पाती हैं और स्कूल से बीच में ही पढ़ाई छोड़ने पर मजबूर हो जाती हैं। ऐसे में यह योजना आशा की किरण बनकर सामने आई है।

निकिता राज्य सरकार का धन्यवाद करते हुए कहती हैं, “अब आर्थिक परेशानियों के कारण बेटियाँ उच्च शिक्षा से वंचित नहीं रहेंगी।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *