भारत में साइबर अपराध बहुत तेजी से बढ़ रहा है। हर दिन नए-नए स्कैम सामने आ रहे हैं और लोगों की मेहनत की कमाई ठगों के बैंक खातों में जा रही है। लोगों को धोखा देने के लिए हैकर्स अलग-अलग तरीके अपना रहे हैं। अब एक नया स्कैम TRAI यानी टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया के नाम पर किया जा रहा है। यह स्कैम बहुत ही खतरनाक है, और आपकी एक गलती आपको भारी नुकसान पहुँचा सकती है। आइए जानें इसके बारे में।
TRAI ने दी चेतावनी
TRAI ने इस स्कैम को लेकर लोगों को खुद आगाह किया है। TRAI ने अपने X (पहले ट्विटर) अकाउंट पर पोस्ट करते हुए बताया कि अगर आपके पास TRAI के नाम पर कॉल आती है जिसमें यह कहा जाता है कि आपका नंबर रात तक बंद हो जाएगा, तो सतर्क रहें, क्योंकि यह एक स्कैम है। TRAI ने लोगों से अपील की है कि इस तरह की कॉल्स की शिकायत चक्षु पोर्टल पर दर्ज कराएं। उन्होंने सलाह दी है कि ऐसी कॉल आने पर किसी भी बटन को न दबाएं और न ही किसी लिंक पर क्लिक करें, क्योंकि इसी तरह से “डिजिटल अरेस्ट” स्कैम की शुरुआत होती है।
अचानक से TRAI 📞 ने कि आपका नेटवर्क disconnect करने की बात 🧐🤔
सावधान रहे, ये एक scam है !
आपका अगला कदम ? रिपोर्ट करें चक्षु के साथ https://t.co/6oGJ6NSQal पर#SafeDigitalIndia pic.twitter.com/Zmkwj2Rjzg
— DoT India (@DoT_India) November 9, 2024
भारत में तेजी से बढ़ रहे हैं डिजिटल अरेस्ट स्कैम
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, जनवरी से अप्रैल 2024 के बीच भारतीय लोगों ने “डिजिटल अरेस्ट” स्कैम में करीब ₹120.3 करोड़ गंवाए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मुद्दे को 27 अक्टूबर को अपने मन की बात के 115वें एपिसोड में उठाया, और साइबर अपराधों के प्रति बढ़ती चिंताओं पर जोर दिया।
नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) ने बताया कि 2024 की पहली तिमाही में लगभग 7.4 लाख साइबर अपराध शिकायतें दर्ज हुईं। 2023 में कुल 15.56 लाख शिकायतें आई थीं, जो 2022 में 9.66 लाख और 2021 में 4.52 लाख थीं।
भारतीय साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) के सीईओ राजेश कुमार ने बताया कि इस दौरान साइबर अपराधों से संबंधित नुकसान में ट्रेडिंग घोटालों से ₹1,420.48 करोड़, निवेश घोटालों से ₹222.58 करोड़ और रोमांस/डेटिंग घोटालों से ₹13.23 करोड़ का नुकसान शामिल है।
क्या है डिजिटल अरेस्ट स्कैम?
डिजिटल अरेस्ट स्कैम एक एडवांस्ड और खतरनाक धोखाधड़ी है। इसकी शुरुआत आमतौर पर एक फोन कॉल से होती है जिसमें कॉल करने वाला व्यक्ति पीड़ित को अवैध गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाता है। ठग वीडियो कॉल पर खुद को पुलिस अधिकारी बताकर पीड़ित से संपर्क करते हैं और गिरफ्तारी या कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए पैसे की मांग करते हैं। डर के कारण लोग पैसे ट्रांसफर कर देते हैं। ये ठग पीड़ित को वीडियो कॉल पर बने रहने को कहते हैं ताकि वे उनके नियंत्रण में रहें।
सतर्क रहें, सावधान रहें, और किसी भी संदिग्ध कॉल की शिकायत दर्ज कराएं।
फोटो : FREEPIK