डॉ. जितेंद्र सिंह ने सुशासन को बढ़ावा देने और शासन सुधार के माध्यम से जमीनी स्तर पर बदलाव लाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण पहलों की शुरुआत की। सुशासन दिवस के अवसर पर, जो पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती पर मनाया गया, उन्होंने ‘विकसित पंचायत कर्मयोगी’ पहल का शुभारंभ किया।
प्रमुख पहल और उद्देश्य:
- ‘विकसित पंचायत कर्मयोगी’:
- यह पहल ‘प्रशासन गांव की ओर’ अभियान का हिस्सा है।
- इसका उद्देश्य पंचायत प्रतिनिधियों और अधिकारियों को आधुनिक उपकरणों और ज्ञान से सशक्त बनाना है ताकि वे प्रभावी शासन और योजना निर्माण में योगदान दे सकें।
- ओडिशा, असम, गुजरात और आंध्र प्रदेश में शुरू की गई इस पहल में ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म, एआई-संचालित चैटबॉट और मोबाइल ऐप का उपयोग किया गया है।
- अन्य पहलों की शुरुआत:
- आईजीओटी कर्मयोगी प्लेटफॉर्म:
- 1600वें ई-लर्निंग कोर्स की शुरुआत।
- एक नया डैशबोर्ड लॉन्च किया गया, जो प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण की प्रगति की निगरानी में सहायक है।
- सीपीजीआरएएमएस वार्षिक रिपोर्ट 2024:
- शिकायत निवारण की प्रणाली में सुधार, जिसमें 25 लाख से अधिक शिकायतों का समाधान हुआ।
- सरलीकृत पेंशन आवेदन प्रणाली:
- पेंशन प्रक्रिया को डिजिटल बनाकर इसे आसान और तेज़ बनाया गया।
- पेंशन निर्देशों का समेकित संग्रह:
- पेंशन संबंधी सभी नियमों और दिशानिर्देशों को एक जगह उपलब्ध कराया गया।
- आईजीओटी कर्मयोगी प्लेटफॉर्म:
सुशासन और तकनीकी नवाचार:
डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि दीर्घकालिक और सार्थक बदलाव लाने के लिए जमीनी स्तर पर शासन सुधार अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने बताया कि तकनीक और नवाचारों के उपयोग से शासन को अधिक पारदर्शी और नागरिक केंद्रित बनाया जा सकता है।
भविष्य की दिशा:
उन्होंने भारत की स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे होने तक एक ऐसे भविष्य की कल्पना की, जहां नागरिक न्यूनतम नौकरशाही निर्भरता के साथ शासन प्रक्रियाओं का प्रबंधन कर सकें। उन्होंने एआई-संचालित मोबाइल स्वास्थ्य क्लीनिक जैसे उदाहरणों का जिक्र किया, जो न केवल सुविधा प्रदान करते हैं बल्कि समुदायों को जोड़ते भी हैं।
अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि:
डॉ. जितेंद्र सिंह ने अटल बिहारी वाजपेयी के सुशासन के दृष्टिकोण को याद करते हुए कहा कि उनकी प्रेरणा से यह दिवस मनाया जाता है। उन्होंने सुशासन में सुधार लाने वाली पहलों को निरंतर शुरू करने की प्रतिबद्धता जताई।
समापन:
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि ‘विकसित पंचायत कर्मयोगी’ जैसी पहल समावेशी, पारदर्शी और तकनीकी नवाचारों पर आधारित शासन की सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य एक भविष्य के लिए तैयार भारत की नींव रखना है, जहां नागरिक अपनी नियति को आकार देने में सक्रिय भागीदार बनें।